Waste management in hindi | अपशिष्ट प्रबंधन क्या है |

Waste management in hindi

अपशिष्ट प्रबंधन (Waste management in hindi) एक प्रक्रिया है जो कचरे को निपटाने के लिए आवश्यक गतिविधियां और कार्य को शामिल किया गया हैं। इसमें अपशिष्ट प्रबंधन प्रक्रिया और अपशिष्ट से संबंधित कानूनों, प्रौद्योगिकियों, आर्थिक तंत्र की निगरानी और विनियमन के साथ-साथ कचरे का संग्रह, परिवहन, उपचार और निपटान शामिल है। अपशिष्ट प्रबंधन कूड़े-कचरे से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करता है। अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में ज्ञान प्राप्त करना हर एक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। कूड़ा कचरा से हमारे जीवन और पर्यावरण पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है।

अपशिष्ट ठोस, तरल या गैसीय पदार्थ के रूप में होते हैं और प्रत्येक प्रकार के अपशिष्ट का निपटान और प्रबंधन के विभिन्न तरीके होते हैं। अपशिष्ट प्रबंधन औद्योगिक, जैविक, घरेलू, नगरपालिका, जैव चिकित्सा, रेडियोधर्मी कचरे सहित सभी प्रकार के कचरे से संबंधित है। अपशिष्ट प्रबंधन की पूरी प्रक्रिया में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जुड़ी हुई हैं और अपशिष्ट मानव स्वास्थ्य को हानि पहंचा सकता है।

मानव निर्मित गतिविधि से हीं अपशिष्ट का उत्पन्न होता है। अपशिष्ट प्रबंधन का उद्देश्य हीं मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर कचरे के प्रतिकूल प्रभावों को कम करना है। अपशिष्ट प्रबंधन (Waste management in hindi) का एक बड़ा हिस्सा नगरपालिका ठोस अपशिष्ट से निपटता है, जो कि घरेलू, औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले कचरे का बड़ा हिस्सा है।

>ओजोन परत क्या है ?

>भारत का सबसे स्वच्छ शहर

गॉंव और शहरों एक स्वच्छ वातावरण देने के लिए उचित अपशिष्ट प्रबंधन महत्वपूर्ण है। लेकिन यह कई विकासशील देशों और शहरों के लिए एक चुनौती बना हुआ है। भारत के लिए अपशिष्ट प्रबंधन एक बहुत बड़ी चुनौती है, शहरीकरण और आर्थिक विकास के लिए औधोगिकरण से निकलने वाले कूड़ा-कचरा दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है।

4 types of waste

  • खतरनाक अपशिष्ट(Hazardous Waste)
  • शहरी ठोस अपशिष्ट(Municipal Solid Waste)
  • जैव चिकित्सा अपशिष्ट(Bio Medical Waste)
  • प्लास्टिक अपशिष्ट(Plastic Waste)

खतरनाक अपशिष्ट

कृषि में तेजी से विकास के साथ, उद्योग, वाणिज्य, अस्पताल और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं बड़ी मात्रा में खतरनाक कचरे की उत्पादन कर रहें हैं। हर साल 1,000 नए रसायन औद्योगिक और अन्य उपयोगों के लिए बाजार में जोड़े जाते हैं।

औद्योगिक, कृषि और के व्यापक स्पेक्ट्रम विनिर्माण प्रक्रियाएं, परमाणु प्रतिष्ठान,अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं से सबसे खतरनाक अपशिष्ट उत्पन होता है। मुख्य रूप से, औद्योगिक खतरनाक कचरे के उच्च मात्रा जनरेटर रासायनिक, पेट्रोकेमिकल, पेट्रोलियम, धातु हैं।

खतरनाक कचरे में ऑटो और उपकरण मरम्मत शामिल हैं दुकानें, इलेक्ट्रोप्लेटिंग और धातु परिष्करण की दुकानें, कपड़ा कारखाने, अस्पताल और स्वास्थ्य देखभाल केंद्र, शुष्क क्लीनर और कीटनाशक उपयोगकर्ता।

घरेलू खतरनाक अपशिष्ट (“घरेलू खतरनाक अपशिष्ट” के रूप में भी ज्ञात) और विषाक्त अपशिष्ट: दवाएं, ई-कचरा, पेंट, रसायन, प्रकाश बल्ब, फ्लोरोसेंट ट्यूब, स्प्रे कैन, उर्वरक और कीटनाशक कंटेनर, बैटरी, जूता पॉलिश.

शहरी ठोस अपशिष्ट

नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, जिसे शहरी ठोस अपशिष्ट भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का अपशिष्ट है जिसमें मुख्य रूप से घरेलू अपशिष्ट शामिल होता है जिसे प्रति दिन नगरपालिका द्वारा एकत्रित किया जाता है। घरेलु कचरा आमतौर पे वे होते हैं जो घरेलू स्रोतों से बचा हुआ कचरा होता है। भोजन और रसोई कचरे, हरित कचरा, कागज, कांच, बोतल, डब्बे, धातु, कुछ ख़ास प्लास्टिक आदि जिसे पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है।

घरेलु ठोस अपशिष्ट निपटान का अंतिम तरिका है भूमि में गड्डा खोदकर उसमें कचरा दबा देना। ज्यादातर इन अपशिष्ट पदार्थ को जमीन पर फैला दिया जाता है। लैंडफिल में फेंके जाने वाले कूड़े से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है साथ ही साथ ये कचरे के बजह से लोगों की स्वास्थ्य पर बहुत गहरा असर पड़ता है।

जैव चिकित्सा अपशिष्ट

मानव या जानवरों के निदान, उपचार या टीकाकरण के दौरान, या उससे संबंधित अनुसंधान गतिविधियों में जो भी अपशिष्ट उत्पन्न होता है उसे हम जैव चिकित्सा अपशिष्ट कहते हैं।

बायो मेडिकल कचरे को अलग अलग श्रेणियों में दर्शाया जाता है, जैसे की मानव शारीरिक अपशिष्ट, पशु और पशु चिकित्सालयों और पशु गृहों से निकलने वाले अपशिष्ट, दवाइयां, सुई, सीरिंज, लैंसेट, स्केलपेल, ब्लेड, कांच आदि। इन Bio Medical Waste का निपटान सही तरीके से होना अत्यंत आवश्यक है।

बायोमेडिकल कचरा मानव समाज के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। इन कचरों से मैला ढोने वाले कर्मचारियों और आम जनता के लिए भी संक्रमण का खतरा है।

जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्वच्छता सुविधाएं और उचित वेंटिलेशन की जरुरत है। साफ-सफाई, अच्छी हाउसकीपिंग, सुरक्षित पानी की पर्याप्त आपूर्ति से हीं जैव-चिकित्सा अपशिष्ट का निपटान हो सकता है।

प्लास्टिक अपशिष्ट

दुनिया भर में करोड़ों लोगों को लाभ देने बाला प्लास्टिक हमारे महासागरों, नदियों और भूमि को प्रदूषित कर रहा है। भारत में हर साल 1.5 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, लेकिन ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली की कमी के कारण इसमें से केवल एक चौथाई का ही पुनर्चक्रण किया जाता है।

प्लास्टिक का आविष्कार मानव समाज के सुविधा के लिए हुआ था। लेकिन गांव और शहरों में इसका गलत उपयोग से इसका कचरा और अंत में भूमि से समुद्री पर्यावरण तक पहुंच गया है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के साथ एकल-उपयोग वाले(Single Use) प्लास्टिक का संग्रह और पुनर्चक्रण के लिए एक चुनौती हैं। एकत्रित प्लास्टिक के पुनर्चक्रण से जुड़ी चुनौतियाँ हैं, साथ ही कुप्रबंधित प्लास्टिक से जुड़ी पर्यावरणीय चुनौतियाँ भी हैं।

अपशिष्ट प्रबंधन(Waste management in hindi) पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसका उद्देश्य स्वच्छ, कुशल और किफायती ठोस अपशिष्ट भंडारण, संग्रह, परिवहन और उपचार या वातावरण, मिट्टी या जल प्रणाली को प्रदूषित किए बिना कचरे का निपटान प्रदान करना है। अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में और भी जानकारी के लिए wikipedia में खोज करें।

1 thought on “Waste management in hindi | अपशिष्ट प्रबंधन क्या है |”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version