Plastic Pollution Essay in Hindi | प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध।

प्रस्तावना(Plastic pollution essay in hindi)

Plastic pollution essay in hindi:दोस्तों आज के समय में हम चारों तरफ से प्रदूषण से घिरे हुए हैं। हम ना सिर्फ बाहर में दिखने वाले प्रदूषण से घिरे हुए हैं। बल्कि हमारे घर के अंदर भी प्रदूषण मौजूद होते हैं। वैसे प्रदूषण के कारण तो अनेक हैं, पर इनमें से एक प्लास्टिक प्रदूषण है। प्लास्टिक आज के समय हमारी लिए बहुत ही नुकसान दे है। और बहुत ही खतरनाक प्रदूषण होता है।

प्लास्टिक आज के समय में हमारे दैनिक जीवन के हिस्सा बन चुका है। जिसे छोड़ना शायद मनुष्य के लिए आसान नहीं होगा। आज हम प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जानेंगे और समझेंगे की कैसे प्लास्टिक हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करता है। और कैसे प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से हमारी सेहत को और हमारी प्रकृति को नुकसान पहुंचाता है ।

हमारी पृथ्वी जहां प्रकृति में मौजूद हमारे सुख सुविधाओं के लिए हमारे जीने के लिए हर जरूरी चीज उपलब्ध कराती है। तो वही दूसरी तरफ हम मनुष्य अपनी पृथ्वी को जाने अनजाने हैं नुकसान पहुंचाते रहे हैं। हम कहीं ना कहीं पृथ्वी पर बढ़ते प्रदूषण के संपूर्ण रूप से जिम्मेदार है। इसका खामियाजा हमें और हमारी आने वाले नस्लों को भुगतना होगा।

आज के समय जहां प्रदूषण के कारण हजार तरह की बीमारियां और सांस लेने जैसे परेशानियां का सामना करना पड़ रहा हैं। जिसका संपूर्ण जवाबदेही हम मनुष्य को जाता है।

Plastic Pollution Essay in Hindi | प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध।

प्लास्टिक प्रदूषण क्या होता है?

अत्यधिक मात्रा में प्लास्टिक को जलाना, प्लास्टिक का इस्तेमाल करना प्लास्टिक प्रदूषण का कारण बनता है। प्लास्टिक प्रदूषण एक ऐसा प्रदूषण है जिसका निवारण कठिन है। प्लास्टिक को जलाने से निकलने वाले धुएं प्लास्टिक प्रदूषण को बढ़ावा देती है।

प्लास्टिक का प्रदूषण हमारे लिए बहुत ही नुकसान दें बन गया है। जो दिन पर दिन हमारे लिए खतरे के निशान को दर्शाता है और इसके कारण पर्यावरण भी प्रदूषित होते हैं।

Plastic pollution essay in hindi | प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध।

प्लास्टिक आज हमारी चारों तरफ फैल चुका है। हमारे दैनिक जीवन में हर जगह प्लास्टिक से बनी चीजें हम देख रहे हैं। और कहीं ना कहीं हम प्लास्टिक से बनी चीजों का रोज इस्तेमाल कर रहे हैं। प्लास्टिक की खोज सर्वप्रथम जर्मन के रसायनशास्त्र हास वान पेचमैन के द्वारा सन 1898 में की गई थी। इन्होंने डाई एजी मिथेन को गर्म करके प्लास्टिक का निर्माण किया था।

प्लास्टिक को पॉलीएथिलीन और पॉलिथीन भी बोलते हैं। आज हम प्लास्टिक से बनी चीजों को रोज इस्तेमाल कर रहे है। सुबह ब्रश करने से लेकर नहाने के साबुन को रखने वाले साबूदाने भी प्लास्टिक से बनी हुई होती है। आज हमारे खाने के हर चीजें को प्लास्टिक की थैली में पैक की हुई मिलती हैं। चाहे हम चिप्स खाएं या कोई बिस्कुट या कोई भी सामान बाजार से घर में लाएं तो हम सभी प्लास्टिक के जरिए ही लाते हैं।

हमारे दैनिक जीवन में प्लास्टिक इस तरह से बस गया है की इसे अब खुद से अलग करना आसान नहीं होगा। हम अपनी जरूरत के सामान में प्लास्टिक से बनी हुई चीजों को देखते हैं। आज ना सिर्फ प्लास्टिक से बनी चीजें देखने को मिलती है बल्कि खाने के सामान में भी प्लास्टिक के थैलों में पैक की जाती है।

टेबल हो या कुर्सी हर चीज में हमे प्लास्टिक देखने को मिलता है। यहां तक की हमारे पैरों की चप्पल भी प्लास्टिक की बनी मिलती है। आज खाने के सामान से लेकर पीने के पानी तक के चीजों को प्लास्टिक के अंदर पैक किया जाता है। हमें पीने का पानी भी प्लास्टिक के बोतल में ही देखने को मिलता है।

हम यह कह सकते हैं कि हमारे छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीजों में प्लास्टिक ने अपनी भागीदारी बना ली है। प्लास्टिक से हम पूरी तरह घिरे चुके हैं। आज प्लास्टिक के कचरे के रूप में हम अपने खूबसूरत से पर्यावरण को प्रदूषित पर्यावरण में बदलते जा रहे हैं। प्लास्टिक का प्रदर्शन ना सिर्फ हम मनुष्य को क्षति पहुंचाता है, बल्कि इससे जानवरों को भी काफी हद तक नुकसान पहुंचता है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं प्लास्टिक एक अपघटित पदार्थ होता है। प्लास्टिक को अगर धरती के अंदर दफन भी कर दिया जाता है तो ये सालो तक वैसा का वैसा ही रह जाता है। इसे मिट्टी भी नही गला पाती।

प्लास्टिक प्रदूषण को देखते हुए भारत सरकार ने चिंता जाहिर की है। भारत सरकार की तरफ से प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करने की सलाह दी गई है जिसमें उन्होंने एक स्लोगन जारी किया था प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें(No use plastic). क्योंकि हम जानते हैं कि जितना ज्यादा प्लास्टिक का इस्तेमाल करेंगे उतना ही आने वाले दिनों में हमारे पर्यावरण को और हमारे अस्तित्व के लिए खतरा साबित होगा।

प्रदूषण के कारण आज जलवायु परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहा है। इसके चलते प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है और यह सब का कारण मनुष्य ही हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाले नुकसान।

प्लास्टिक को जलाने के कारण उस से उत्पन्न होने वाले धुएं हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदेह साबित होते हैं। इससे उत्पन्न होने वाले धुएं कैंसर जैसे बड़ी बीमारी का कारण बनते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं प्लास्टिक गलती नहीं है। उसके कारण नदी नालियों में प्लास्टिक का जमावड़ा हो जाता है। और पानी का बहाव रुक जाता जिसके चलते हैं पर्यावरण प्रदूषित होने लगता है।

हजारों टन की मात्रा में प्लास्टिक समंदर में फेंके जाते हैं। इसके कारण हम समंदर को भी प्रदूषित कर रहे हैं। फेंके हुए प्लास्टिक समुंदर में जा कर समुंदर के कचरे के रूप में एकत्रित होने लगते हैं। जिसके चलते समुंदर के जीव हमारे फेंके हुए प्लास्टिक को खाकर उस से दूषित होकर मारे जाते हैं।

हम इंसान तो प्लास्टिक खाते नहीं है। हमने इतनी सी समझ तो होती है पर उन बेजुबान जानवरो का क्या जो इसे अनजाने में खा लेते और फिर इस से होने वाले नुकसान में खुद को पाते है। हम मनुष्य प्लास्टिक का इस्तेमाल करके और उसे जहां-तहां फेंक कर हम जीव जंतु और जानवरों की मुसीबत को बढ़ावा देते हैं।
साथ ही पर्यावरण को और भी प्रदूषित करते है।

प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के कुछ उपाय।

१- हमें जितना हो सके प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना होगा।
२-प्लास्टिक से बने सभी चीजों का बहिष्कार करना होगा।
३-हमें यह प्रण लेना होगा हम सभी बाजार जाएं तो अपने साथ कपड़े का थैला लेकर जाएं।
४-हम खुद को और दूसरों को भी प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से रोक सकते हैं।
५- हमें प्लास्टिक को तब तक इस्तेमाल करना चाहिए जब तक वह पूरी तरह से खराब ना हो जाए।
६- प्लास्टिक के बने सामने का इस्तेमाल कम करके।

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