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राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (National Energy Conservation Day) जो हर साल १४ दिसंबर को मनाया जाता है। जिसका मकसद ऊर्जा की बर्बादी और ऊर्जा को आने वाले पीढ़ी के लिए सुरक्षित करना होता है। लोगों में ऊर्जा के प्रति जागरूकता फैलाना और ऊर्जा का सही इस्तेमाल करना बताया जाता है। ऊर्जा हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण होता है। इसका सभी लोगों को महत्व समझाना तथा ऊर्जा को जरुरत के मुताबिक इस्तेमाल करना होता है।

जैसा कि हम जानते हैं, कि हमारी पृथ्वी पर मौजूद ऊर्जा के स्रोतों में से बहुत सारे स्रोत ऐसे हैं, जो पूरी तरह से प्रकृति में मौजूद है। इन संसाधनों की खपत दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। आबादी बढ़ने के साथ-साथ ऊर्जा का इस्तेमाल भी अत्यधिक मात्रा में होने लगा है। हमारे पृथ्वी पर मौजूद जैविक संसाधन जो हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जैसे कच्चा तेल, पेट्रोल, कोयला इत्यादि जिसका इस्तेमाल अत्यधिक मात्रा में होने के कारण धीरे-धीरे विलुप्ति के कगार पर आ खड़ा हुआ है। और ये संसाधन हमारी पृथ्वी से पूरी तरह न खत्म हो जाए इसका चिंता हमेशा बनी रहती है। भविष्य के संकट को देखते हुए, ऊर्जा की बचत करना आवश्यक हों गाया है।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस
हर साल ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 14 दिसंबर को पूरे देश भर में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। ऊर्जा मंत्रालय के अधीन ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE), जिसे हम ऊर्जा दक्षता विभाग भी कहते हैं। देश में हर साल 14 दिसंबर को ऊर्जा के बचाव यानी संरक्षण के रूप में मनाया जाता है।
इस दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को उर्जा के महत्व के बारे में जागरूक कराना है, साथ ही ऊर्जा का इस्तेमाल जरुरत के हिसाव से किया जा सके, तथा उर्जा की ज्यादा खपत से हो रही जलवायु परिवर्तन को भी नियंत्रण किया जा सके।
लोगों में उर्जा के प्रति और ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना, लोगों को ऊर्जा का सही महत्व समझाने के उद्देश्य से हर साल 14 दिसंबर को भारत में ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो क्या है?
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो(BEE) का भारत सरकार के अंतर्गत काम करता है। ऊर्जा के इस्तेमाल को कम करने के लिए नए-नए तरीके और नए नए नीतियों पर काम करता है, जिसे देश में ऊर्जा की खपत कम हो सके और ऊर्जा का सही इस्तेमाल किया जा सके। ऊर्जा दक्षता विभाग का गठन 2001 में किया गया था। इसे बनाने के पीछे भारत सरकार का एक अहम विचार था जिसमें ऊर्जा के हो रहे हैं खपत को किस तरह से नियंत्रण में किया जा सके और ऊर्जा के सही तरीके से इस्तेमाल की जा सके।
जरा सोचिए क्या होगा जब पूरे भारत समेत सारे विश्व में अंधकार छा जाएगा। जब कहीं पर ऊर्जा का स्रोत नहीं मिलेगा। सोचिए अंधकार में हमारे जीवन कैसे होगा। हम सभी यह जानते हैं कि जिन चीजों से हमें ऊर्जा की प्राप्ति होती है उनमें से कई प्राकृतिक चीजें ऐसे हैं जो समय के साथ एक दिन खत्म हो जाएगी।
जिन्हें हम जैविक संसाधन कहते हैं, और जो चीजे पृथ्वी पर रहेंगे, उनका इस्तेमाल शायद हम पूरी तरीके से सफलतापूर्वक करने में असफल रहे हैं। जिनके नतीजा आज यह है कि बढ़ती आबादी के साथ-साथ ऊर्जा की खपत में अत्यधिक तेजी देखने को मिलती हैं। जोकि हमारे आने वाले भविष्य के लिए एक संकट का विषय है।
ऊर्जा संरक्षण करने के उपाय
- जितना हो सके जैविक संसाधनों का उपयोग कम करना चाहिए जैसे जीवाश्म ईंधन कोयला इन सभी का प्रयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए।
- हम सभी को बिजली की बचत करनी चाहिए। बिना जरूरत घरों की लाइट, पंखे और घरोई उपकरणो को नहीं चलाना चाहिए।
- बिजली चलने वाले हीटर के बजाय, हमे सोलर हीटर का उपयोग करना चाहिए।
- 100 वाट के बल्ब की जगह हमें एलईडी बल्ब का उपयोग करना चाहिए।
- पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों की वजह है हम सभी को बैटरी से चलने वाली गाड़ी का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए।
भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम कब से प्रभावी हुआ?
भारत में ऊर्जा संरक्षण बनाएं दिवस मनाने की शुरुआत 2001 में हुई, जिसमें भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के तहत 2001 में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का गठन किया गया।