जल ही जीवन है(निबंध), क्या है जल संकट और क्या है इसका उपाय।

जल ही जीवन है।

“जल ही जीवन है” यह एक ऐसा सत्य है जिसे हम सब अच्छी तरह से जानते हैं। जल के बिना मनुष्य तो क्या ये धरती हीं नहीं रहेगी। हम एक दिन बिना खाये रह सकते हैं लेकिन एक दिन बिना पानी के रहना हम सोच भी नहीं सकते। पानी की आवशकता धरती पे रहने वाले हर एक प्राणी को होता है। पशु, पक्षी, मनुष्य और पेड़ पौधों को जीवित रहने के लिए हर दिन पानी की जरुरत होती है।

जल ही जीवन है पर निबंध और स्लोगन, क्या है जल संकट और क्या है इसका उपाय।

क्यों जल को जीवन का आधार माना गया है? जल ही जीवन है ये वाक्य यूँ हीं नहीं कहा गया है, इस वाक्य की गंभीरता पृथ्वी पर रहने वाले हर एक व्यक्ति को पता है। कहने को तो धरती का 75 प्रतिशत भाग पानी से घिरा हुआ है, लेकिन उस भाग का 97% पानी खारा है जो पिने लायक नहीं है। बाकि बचा 3% पानी में से 2 प्रतिशत बर्फ रूप में है। तो सही शब्दों में कहें तो धरती में जमा पानी का सिर्फ 1% ही पीने योग्य है।

धरती पर पिने लायक पानी इतने कम होने के बावजूत भी हम इंसानों को इसकी कदर नहीं है। हम बे फिजूल पानी बरबाद करते रहते हैं, जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है की हर साल गर्मी के मौसम में कई जगह पर पानी की समस्या देखि जाती है। उन जगहों पर टैंकर की मदद से पिने का पानी पहंचाया जाता है।

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क्यों है जल संकट और जल समस्या ?

बढ़ती जनसंख्या और पानी की बर्बादी जल संकट को बढ़ा रही है। जल संरक्षण की कमी से भूमिगत जल के स्तर धीरे धीरे घाट रही है। भूमिगत जल जो की मीठे पानी का भंडार है, जिसे हम युहीं बर्बाद कर रहे हैं। प्रदुषण भी एक कारण है जिसकी बजह से ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या उत्पन हो रही है। समय पर बारिश ना होना और बारिश हो तो उसके पानी का सही तरीके से संरक्षण ना करना हमे जल संकट की और ले जा रही है।

बढ़ती जनसँख्या और आधुनिक शहर का निर्माण कार्य दिन-प्रति-दिन बढ़ रहा है। पक्के रोड बन रहे हैं, जंगलों को काटा जा रहा है, जल निकायों में कूड़े कचरे को बहाया जा रहा है, जिसके कारण मीठे पानी की कमी साल-दर-साल बढ़ती जा रही है।

इंसानों की लापरवाहि और बेफिजूल पानी की बर्बादी जल समस्या को और बढ़ा रहा है। हम अगर युहीं पानी की बर्बादी करते रहेंगे तो एक दिन हमे पानी की एक बूंद के लिए भी तड़पना पड़ेगा।

जल ही जीवन है पर निबंध

हम सभी जानते है की जल के बिना संभव नहीं है। हमारी पृथ्वी बहुत से नयाब चीजों से भरी पड़ी है, जिनमें से कुछ ऐसी चीजें हैं जिनके बगैर शायद हमारा जीना असंभव है। वैसे तो प्रकृति से मिली सभी चीजें हमारे लिए काफी अनमोल है। उन सभी जरूरी चीजों मैं से हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है जल। हम यह जानते हैं कि बगैर खाए तो हम महीनों तक जीवित रह सकते हैं लेकिन जल के बिना हमारा जीवन मुमकिन नहीं है।

जल हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है यह हम भलीभांति जानते हैं। हम बगैर जल के जीवन के कल्पना भी नहीं कर सकते। इसीलिए तो कहते हैं की जल ही जीवन है। जल हमारे लिए कितना मायने रखता है, इसको हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते है। वैसे तो हमारी पृथ्वी का तीन हिस्सा पानी से घिरा हुआ है पर पीने योग्य पानी बहुत कम बचा है। आज जल की कमी के कारण भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई ऐसे देश हैं जो जल की कमी से जूझ रहे हैं।

जहां एक तरफ जल के बिना हम जीवित नहीं रह सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ हम जाने अनजाने में हम इंसान हीं जल की बर्बादी का कारण बनते हैं। हम कई बार अपनी जरूरत से ज्यादा जल का इस्तेमाल करते हैं जो हमारे आने वाले कल के लिए चिंताजनक बात है। असल बात यह है कि हमने कभी जल की समस्या को गंभीरता से लिया ही नहीं, जिसके कारण आज हमें जल के कमी जैसे समस्याओं से का सामना करना पड़ रहा है।

जल की घटती समस्याओं को देखते हुए भारत सरकार की तरफ से बहुत सारी योजनाओं का गठन हुआ, पर उनमें से ज्यादातर योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही। हम सब यह भूल जाते हैं कि हमारे रोजमर्रा के कामों में से लेकर हमारे हर जरूरी सुविधाओं में सबसे ऊपर जल का स्थान है।

जैसा कि हम जानते हैं, जल सिर्फ हमारे पीने के लिए ही नहीं बल्कि बिजली का उत्पादन करना हो, कपड़े धोना हो, गाड़ी धोना हो, खेतों में सिंचाई करना हो आदि। हर कार्य के लिए हमे पानी की आवश्यकता पड़ती है। जल ना सिर्फ इंसान के लिए बल्कि यह जानवरों और पेड़ पौधों के लिए भी उतना ही जरूरी है।

हमने कभी ना कभी यह नारा तो सुना ही होगा कि “जल ही जीवन है”, जल है तो कल है। पर शायद हमें से बहुत कम ही लोग ऐसे हैं जो इस नारे को अपने जीवन में गंभीरता से ले पाते हैं। खासकर जिन लोगों को पानी आसानी से मिल जाती है उन लोगों को पानी की कदर नहीं है। और जो लोग पानी के लिए मिलो दूर चलते हैं, घंटो लाइन में लगकर पानी भरते हैं उन लोगों को पानी की सही मोल पता है और वे पानी की एक एक बूंद को बचाते हैं।

हमें से बहुत कम ही ऐसे हैं जिन्होंने जल को बचाने के लिए पेड़ लगाएं होंगे या कुछ और अन्य जरूरी चीजें की होंगी। जिससे जल का बचाव किया जा सके। प्रकृति ने हमें जल के रूप में एक बेहतरीन तोहफा दिया है। यह तोहफा को हमें ठीक उसी तरह से संजोग कर हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए रखना होगा ।
हम सबको यह प्रयास करना है कि हमें जितना हो सके जल को बचाना है । हमें पीने योग्य पानी को बचाना है, जितना जरूरत हो उतना ही पानी का इस्तेमाल करना है। हमें हमारी हमारी प्रकृति को बचाने की आवश्यकता है।

जल ही जीवन है पर नारे

1) हमारे आने वाले कल को जल के रूप में एक अनमोल तोहफा देना है, आज से ही हमे जल को बचाना है।

2) हमें हमारी पृथ्वी को आने वाले जल संकट से उबारना है, इसके लिए हमसबको मिलकर जल संरक्षण करना है।

3) हमे हमारे जीवन को खुशहाल बनाना है। तो जल का इस्तेमाल सोच समझ कर करना है।

4) जल की महत्व को समझो और अपने आनेवाले पीढ़ी के लिए एक मिसाल बनो।

5) हो रही है कमी पीने योग्य पानी, अब तो कम कर दो पहुंचाना प्रकृति को हानि।

6) जल ही जीवन है, जल है तो कल है।

7) लगा न पाओगे इसका मोल, ये पानी है बहुत अनमोल।

FAQ

Q-विश्व जल दिवस कब मनाया जाता है ?

Ans-साल 1993 से हर साल March 22 को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।

Q-क्यों मनाया जाता है विश्व जल दिवस ?

Ans-वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए दुनिया भर के लोगों में जल संरक्षण पर जागरूकता लाने और मीठे पानी की महत्व समझाने के लिए विश्व जल दिवस मनाया जाता है।

Q-हम क्यों कहते हैं कि जल ही जीवन है?

Ans-जल को जीवन कहा गया है क्यों की जल के बिना जीवन संभव नहीं है। पृथ्वी पर जीवित हर एक प्राणी और पेड़ पौधों को पानी की आवशकता होती है। बिना पानी ये धरती बंजर ज़मीन बन जायेगा, पानी है इसीलिए हरियाली है।

Q-“जल ही जीवन है” इसका क्या अर्थ है ?

Ans-“जल ही जीवन है” इसका अर्थ है की जल जीवन से जुड़ा है, जल के बिना जीवित रहना कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। प्रकृति का अनमोल वरदान है जल, जीवन का आधार है जल।

Q-जल संकट से बचने का क्या उपाय है ?

Ans-जल संकट को दूर करने के लिए हमे जागरूकता दिखानी होगी। जल संरक्षण के बारे में गंभीरता से सोचना होगा और पानी की हर एक स्रोत को बचाना होगा। पानी की बर्बादी को रोकना होगा और जितना संभव जल की बचत करनी होगी।

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