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Biomedical waste management in hindi
बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट क्या है(Biomedical waste management in hindi) और ये क्यों जरुरी है ? इसका पर्यावरण के साथ क्या समंध है और क्या ये मानव जीवन और अन्य जीवित प्राणियों के लिए हानिकारक है। तो दोस्तों इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें ताकि बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की पूरी जानकारी आपको मिल सके।

बायोमेडिकल कचरा जिसे हम सब अस्पताल से निकलने बाले कचरा के रूप में जानते हैं। यह एक प्रकार का अपशिष्ट होता है जिसमें संभावित रूप से संक्रामक सामग्री होती है। बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रतिदिन इलाज के लिए आनेवाले रोगियों का निदान, उपचार और कुछ मेडिकल रिसर्च के द्वौरान उत्पन होता है। साथ ही जैव-अणुओं या जीवों से युक्त अनुसंधान प्रयोगशाला अपशिष्ट जो मुख्य रूप से पर्यावरण से प्रतिबंधित है।
बायोमेडिकल कचरा ठोस या तरल हो सकता है। संक्रामक कचरे के उदाहरणों में छोड़े गए रक्त, शरीर के अंग, अन्य मानव या पशु ऊतक(Tissue), इस्तेमाल की गई पट्टियाँ और ड्रेसिंग, फेंके गए दस्ताने, अन्य चिकित्सा आपूर्ति जो रक्त और शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में हो सकती हैं। इन अपशिष्ट में कुछ नुकीला चीजें भी शामिल होती हैं, जैसे की सुइयों और सर्जरी में इस्तेमाल होनेवाले स्केलपेल, लैनसेट शार्प ब्लेड आदि।
Source of Biomedical waste
बायोमेडिकल कचरे के उत्पादक में अस्पताल, स्वास्थ्य क्लीनिक, नर्सिंग होम, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं, चिकित्सा अनुसंधान प्रयोगशालाएं, चिकित्सकों के कार्यालय, दंत चिकित्सक, पशु चिकित्सक, घरेलू स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।
>Waste management in hindi – अपशिष्ट प्रबंधन क्या है ?
What are the type of biomedical waste management ?
आटोक्लेविंग
आटोक्लेविंग प्रक्रिया में निर्धारित समय में गर्म भाप के जरिये सूक्ष्मजीव को पूरी तरह से नष्ट किया जाता है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से प्रभावी है क्योंकि इसमें अन्य तरीकों की तुलना में बहुत कम खर्च होता है। कुछ बायोमेडिकल कचरे ऐसे भी होते हैं जिनको ऑटोक्लेविंग के माध्यम से निपटाया नहीं जा सकता है। लैंडफिल पर भेजे जाने से पहले लगभग 90% सामग्री को इस तरह से साफ किया जाता है।
भस्मीकरण
भस्मीकरण प्रक्रिया आसान और सरल है, क्यूंकि इस प्रक्रिया में प्रभावी रूप से कचरे को पूरी तरह से नष्ट किया जाता है। हालांकि, खतरनाक सामग्रियों को जलाने पर, जहरीले गैसों का उत्सर्जन विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है।
रसायन
जब तरल कचरे की बात आती है, तो एक सामान्य जैव चिकित्सा अपशिष्ट निपटान विधि रासायनिक कीटाणुशोधन हो सकती है। क्लोरीन इस प्रक्रिया के लिए एक नियमित विकल्प है, और सूक्ष्मजीवों और रोगजनकों को मारने के लिए तरल कचरे में पेश किया जाता है।
माइक्रोवेविंग
इस प्रक्रिया के दौरान, कचरे को टुकड़ा टुकड़ा किया जाता है, पानी में मिलाया जाता है, और फिर सूक्ष्मजीवों और अन्य हानिकारक तत्वों को मारने के लिए आंतरिक रूप से गर्म किया जाता है।
Effects of medical waste on the environment
स्वास्थ्य के देखभाल में हॉस्पिटल से निकलने बाले कचरे के अनुचित प्रबंधन से पर्यावरण पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ता है। चिकित्सा अपशिष्ट के अपर्याप्त जलने से जहरीले गैस का उत्सर्जन पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है।
हमारे समुद्रों पर बायोमेडिकल कचरे का सबसे गंभीर प्रभाव पड़ता है। समुद्री जीवों द्वारा इन जहरीले कचरे का सेवन किया जा सकता है, जो उनके लिए जानलेवा हो सकता है। विषाक्त पदार्थ खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करेंगे और अंततः उन मनुष्यों तक पहुंचेंगे जो समुद्री जीवों का सेवन करते हैं।
चिकित्सा क्षेत्र में प्लास्टिक का अधिक मात्रा में उपयोग भी पर्यावरण के लिए एक खतरा है। चिकित्सा उपकरणों में प्लास्टिक सामग्री पर हमारी वर्तमान निर्भरता बढ़ गई है क्योंकि वे हल्के, लागत प्रभावी और टिकाऊ हैं। चिकित्सा अपशिष्ट जमा से पर्यावरण में हानिकारक विषाक्त पदार्थों को छोड़ने के गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों के अलावा, एकल-उपयोग प्लास्टिक स्वास्थ्य क्षति को उत्प्रेरित कर सकता है।
भस्मीकरण प्रक्रिया या कूड़ा जलाने के बाद, विषाक्त राख अवशेष उत्पन्न होता है और अक्सर इसे लैंडफिल में निपटाया जाता है। ये रख भूमिगत जल और हवा के माध्यम से मानव उपयोग के संपर्क में आता है। प्लास्टिक सामग्री के दहन से जहरीली गैसें निकलते हैं और हवा के साथ घुल जाती हैं। ऐसी गैसों के संपर्क में आने से इंसान और जानवर को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकते हैं। इन जहरीले गैसों का असर पेड़-पौधों पर भी पड़ता है। भस्मकों के कारण होने वाला वायु प्रदूषण ओजोन परत को नष्ट कर देता है, फसल और जंगल को नुकसान पहुंचाता है और जलवायु परिवर्तन को बढ़ाता है।
मुझे उम्मीद है दोस्तों मेने आपको इस लेख के जरिये बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट क्या है(Biomedical waste management in hindi) इसकी जानकारी दी और आपको ये लेख पसंद भी आया होगा। तो हमे कमेंट करके आपने सुझाव जरूर शेयर करें।