मानव स्वास्थ्य और भूमि प्रदुषण-Effects of land pollution on human health?

मानव स्वास्थ्य और भूमि प्रदुषण

मानव स्वास्थ्य और भूमि प्रदुषण में काफी गहरा संमंध है। मिट्टी का प्रभाव मानव शरीर पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता हीं है। मिट्टी हमारे खाद्य आपूर्ति को पूरा करता है। सदियों से मिट्टी को एक आयुर्वेदिक ोुसोधि के रूप में भी देखा गया है। हालाँकि, मिट्टी के जैविक गुणों में बदलाव से मानव शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

आमतौर पे प्राकृतिक मिट्टी मानव शरीर पर प्रभाव डालता है जिसमे कुछ मानव जनित संदूषण होता है। ज्यादातर उनके शरीर पे भूमि प्रदुषण का गहरा असर दीखता है जो मिट्टी के संपर्क में ज्यादा रहते हैं। किसान और निर्माण श्रमिक पर मिट्टी का प्रभाव सीधे तोर पर पड़ता है। यह जरुरी नहीं है की मिट्टी के सीधे संपर्क पे रहने पर हीं इसका प्रभाव पड़ता है।

प्रदूषित मिट्टी हमे अप्रत्यक्ष रूप से भी प्रभावित कर सकता है, जैसे की मिट्टी के कण हवा में मौजूद होना। मिट्टी से उत्पन्न धूल हजारों मिल तक का सफर कर सकती है और आम इंसान को बीमार कर सकती है। मिट्टी हमारी आवश्यकता को पूरा करती है, प्रदूषित भूमि से उगाये गए फसल हमारे लिए हानिकारक हो सकता है।

मानव स्वास्थ्य पर भूमि प्रदूषण के प्रभाव क्या हैं?

मिट्टी हमारे शरीर में तीन प्रक्रिया से जा सकती है, जैसे की श्वसन प्रक्रिया, त्वचा के द्वारा और अंतग्रहण
श्वसन प्रक्रिया में मिट्टी की कण सांस के जरिये शरीर के अंदर जाते हैं। कुछ गंभीर समस्याएं इनहेलेशन से जुड़ी होती हैं, जैसे कि ;

१)श्वसन प्रक्रिया से होने वाले प्रभाव

कोक्सीडायोडोमाइकोसिस:- Coccidioidomycosis एक तरह की Fungus Infection है जिसे डॉक्टर्स Valley fever भी कहते हैं। ये बीमार कोकिडायोइड्स नामक Fungus के कारण होता है जो की मिट्टी में ज्यादातर पाए जाते हैं। हवा में सांस लेने से हीं ये Fungus मानव शरीर में प्रबेश करते हैं। आमतौर पे जो लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं वे कुछ हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाते हैं और कुछ लोगों को मेडिसिन लेनी पड़ती है।

ब्रोंकाइटिस:-Bronchitis मिट्टी से व्युत्पन्न धूल में सांस लेने से होता है। ब्रोंकाइटिस आपकी ब्रोन्कियल नलियों की सूजन है, फेफड़ों तक सांस ले जाने वाली नलियों को ब्रोन्कियल ट्यूब कहा जाता है। जिन लोगों को ब्रोंकाइटिस होता है, वे अक्सर खांसते रहते हैं। ब्रोंकाइटिस या तो तीव्र या पुराना हो सकता है।

मेसोथेलियोमा:- Mesothelioma एक प्रकार का Cancer है, जो मिट्टी से निकलने वाली धूल से, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले एस्बेस्टस(Asbestos) खनिजों में सांस लेने से होता है।
एस्बेस्टस(Asbestos) एक तरह की खनिज पदार्थ है जो चट्टानों में मिलता है। एस्बेस्टस से बनी बहुत सरे चीजों को हम आपने आस पास देखते हैं। घरों की दीवारों से लेकर छत पर डाली जाने वाली चादरों में एस्बेस्टस होता है।

२)त्वचा के द्वारा होने वाले प्रभाव

प्रदूषित मिट्टी में होने वाले रसायन इन्सानों के त्वचा के जरिये प्रबेश कर सकते हैं। इन हानिकारक रसायन से पोडोकोनिओसिस जैसे रोग हो सकता है।
पोडोकोनिओसिस:- Podoconiosis आमतौर पे किसानो में पाए जाने वाले एक गैर-संक्रामक बीमारी है। लम्बे समय तक नंगे पैर से मिट्टी के संपर्क में रहने पर पोडोकोनिओसिस की बीमारी होती है।

३)अंतग्रहण से होने वाले प्रभाव

अंतर्ग्रहण प्रक्रिया वो है जिसके जरिये हम जानबूझकर मिट्टी को आपने शरीर में जाने देते हैं। जब भी हम कच्चे फलों या सब्जियों को धोने के बिना सेवन करते हैं तो मिट्टी में होने वाले भारी धातुओं, कार्बनिक रसायनों भी हमारे शरीर के अंदर जाते हैं। मिट्टी के अंतर्ग्रहण से हमारे पेट में कई तरह की बीमारी हो सकती है।

निष्कर्ष

मानवजनित गतिविधियों के माध्यम से रासायनिक तत्वों से हीं मिट्टी दूषित हो सकती है। प्रदूषित मिट्टी से मानव शरीर में होने वाले रोग समय के साथ गंभीर रूप भी ले सकते हैं। इसीलिए हम मनुष्यों को प्रकृति के साथ खिलबाड़ नहीं करना चाहिए। सुद्ध और प्राकृतिक मिट्टी से उपज अनाज और फल सब्जी हीं हमारे स्वस्थ्य के लिए जरुरी है। मिट्टी के गुणवत्ता को हानि पहंचना न केवल मानव शरीर पर प्रभाव ड़ालता है बल्कि पेड़ पोधो और फसलों को भी बर्बाद करता है।

हमारी यह लेख मानव स्वास्थ्य और भूमि प्रदुषण(Human Health and Soil Pollution in Hindi) पढ़ने के बाद भूमि प्रदुषण से होने वाले बीमारी के बारे में आप को जानकारी प्राप्त हुआ होगा। आप हमे कमेंट करके आपने सुझाव जरूर शेयर कीजिये।

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